मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम क्रमांक 25 वर्ष -1995 के अर्न्तगत गठित किया गया है । आयोग में एक अध्यक्ष एवं दो अशासकीय सदस्य होते हैं । आयुक्त अनुसूचित जाति विकास आयोग के पदेन सदस्य हैं । ।
1. अनुसूचित जाति के सदस्यों को संविधान के अधीन तथा तत्समय प्रवृत किसी अन्य विधि के अधीन दिये गये संरक्षण के लिए हित प्रहरी आयोग के रूप में कार्य करेगा ।
2. किन्ही विशिष्ट जातियों, मूलवंशों या जनजातियों या ऐसी जातियों, मूलवंशों या जनजातियों के भागों या उनमें के यूथों को संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में सम्मलित करने के लिए कदम उठाने के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करना ।
3. अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए बने कार्यक्रमों के समुचित तथा यथासमय कार्यान्वयन की निगरानी करे तथा राज्य सरकार अथवा किसी अन्य निकाय या प्राधिकरण के कार्यक्रमों के संबंध में जो ऐसे कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार हैं सुधार हेतु सुझाव दे ।
4. लोक सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के संबंध में सलाह देना ।
5. ऐसे कृत्यों का पालन करना जो राज्य सरकार द्वारा उसे सौपें जाए ।
1. म0 प्र0 राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा अब तक 24 वार्षिक प्रतिवेदन तैयार कर प्रस्तुत किये जा चुके हैं ।
2. 25 वॉ वार्षिक प्रतिवेदन तैयार कर मुद्रण में है । जो शीघ्र ही शासन को प्रस्तुत किया जायेगा ।
3. 26 वॉ वार्षिक प्रतिवेदन तैयार करने हेतु विभागों से योजनाओं से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है ।
वर्ष 2023-24 में आयोग द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों से विभिन्न प्रकार की प्राप्त शिकायतों में से 787 शिकायतों (माह फरवरी-24 तक) का निराकरण किया गया ।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में आयोग को राशि रूपये 14995000/- का आवटंन प्राप्त हुआ था जिसमें से राशि रूपये 11816586/- का व्यय हुआ । तथा वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 15422000/- का आवटंन प्राप्त हुआ जिसमें से माह फरवरी-2024 तक राशि रूपये 11702650/- का व्यय हुआ ।