अन्तर्जातीय विवाह योजना का मूल उद्देश्य अस्पृश्यता का उन्मूलन किया जाना है। ऊंच-नीच और छूआ-छूत के विचारों को त्याग कर इन विचारों से ओत-प्रोत सवर्ण युवक अथवा युवती द्वारा अनुसूचित जाति की युवती अथवा युवक से विवाह करने पर ऐसे दम्पत्तियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाता है। प्रतिवर्ष ऐसे साहसी दंपत्तियों को रूपये 50 हजार का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। अब इस योजना में संशोधन कर प्रोत्साहन राशि 2.00 लाख रूपये कर दी गई है। वर्ष 2012-13 में योजनान्तर्गत 182.00 लाख का आवंटन जिलों को उपलब्ध कराया गया। 365 दम्पत्ति लाभांवित हुए। वर्ष 2013-14 में 31 मार्च 2014 तक रू. 239.00 लाख की राशि व्यय की जाकर 478 दम्पत्तियों को पुरस्कृत किया गया। वर्ष 2014-15 में 193.60 लाख रूपये की राशि माह दिसम्बर 2014 तक जारी कर 387 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया।